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लेखनी प्रतियोगिता -07-Mar-2022अद्भुत फैसला

      आज शाहपुर गाँव में पंचायत हौनी थी। आस पास के गा़वौ के पंच सरपंच आरहे थे। गाँव के लोगौ को भी आज हौने वाली पंचायत का फैसला सुनने का इन्तजार था।


       इसलिए पंचायती चबूतरे पर भीड़ बढ़ती ही जारही थी पुरुषौ से अधिक महिलाऐं भी  वहा एकत्रित हो रही थी।

       सभीको आज के फैसले का बेसब्री से इन्तजार था। धीरे धीरे पंच सरपंच वहाँ पहुँच चुके थे सभी ने अपना अपना आसन जमा लिया था अब सभी को पंचौ की कार्यवाही  का इंतजार था।

           आज का फैसला इतना अहम क्यौ था ? आज जो फैसला होना था उसकी कहानी बहुत ही आश्चर्य चकित करने वाली थी।

         शाहपुर एक बडा़ गाँव था। इस गाँव मे आसपास के पांच गाँव की पंचायत लगती थी। सभी फैसले पंचायत में ही लिए जाते थे। आजतक गाँव मे कभी पुलिस नही आई थी।और न कभी भी पुलिस की आवश्यकता पडी़ थी।

          सूरजभान ही कितने सालौ से सरपंच निर्बिरोध होते आरहे थे। सूरजभान के न्याय पर   सभी को पूरा भरोसा रहता था कि वह जो भी फैसला सुनायेगा वह सही ही होगा।

         किसी गा़व वाले ने उनके फैसले पर आजतक उंगली नही उठाई थी। सभी पुरुष व महिलिऐ उनका आदर करते थे।  गाँव की कोई भीऔरत उनके सामने बिना पर्दा किए नहीं निकलती थी।

            सूरजभान का परिवार भी बहुत बडा़ था उनके चार बेटे व दो बेटियां थी। उन्हौने अपने सभी बेटौ  व बेटियौ की  शादी करदी थी
 उनकी उम्र भी अब सत्तर के करीब थी।

    उनके दो बेटे शहर में रहते थे और दो बेटे गाँव में रहकर खेती सम्भालते थे। सूरजभान के कारण अभीतक उनका संयुक्त परिवार था।

        बडे़ बेटे  का एक बेटा था आकाश आकाश रूप रंग में भी बहुत सुन्दर था। शहर में रहने के कारण वह चंचल स्वभाव का था। शहर में लड़के लड़किया एक साथ पढ़ते थे आकाश जैसे जैसे बडा़ होरहा था  वह मस्त होता जारहा था।

       आकाश अब बीस के करीब था। वह गाँव में आता जाता रहता था। वह  कही भी आता जाता उसे कोई नहीं रोकता था। सूरजभान के पडौ़स मे एक सेठजी का मकान था उनकी किरयाने की दुकान थी।

          आकाश उस दुकान पर हरदिन ही जाता था सेठजी की एक लड़की थी रोमा। रोमा भी सोलह के करीब थी ।  आकाश व रोमा एक दूसरे की तरफ आकर्षित होते गये। और एकदिन दौनो ने अंतरंग सम्बन्ध बनालिए।

           अब आकाश व रोमा एक दूसरे के बिना जीना नही चाहते थे  इसी बीच रोमा गर्भबती होगयी। जब इसकी खबर रोमा की माँ को हुई तब उसके पैरौ तले की जमीन खिसक गयी।

       जब रोमा के माता पिता ने उसे शक्ति से पूछा उसने सब साफ बता दिया। जब सेठजी ने इस बिषय पर सूरजभान से बात की तब उनको बहुत आश्चर्य हुआ और उन्होने आकाश के पिता से बात की तब वह भड़क गया । 

                 अपने पिता से बोला," इसमें मेरे बेटे की क्या गल्ती है उनको अपनी लड़की का ध्यान रखना चाहिए। क्या पता उसके सम्बन्ध किसी और के साथ भी हौ और आरोप मेरे आकाश पर थोप दिया।

              सूरजभान को बहुत क्रोध आया। लेकिन बेटा अपना हौने कारण वह चुप रहगये।

         सेठ ने इसी की आज पंचायत बुलाई थी जिसका फैसला सूरजभान को करना था।

             पंचायत में सेठ सेठ की लड़की सूरजभान का लड़का व पोता आकाश भी बैठा था।

       पंचायत शुरू हुई। सभी पंच अपना अपना मत प्रकट कर रहे थे कोई आकाश को दोषी बतारहा था तो कोई रोमा का दोष बतारहे थे। अधिकतर सेठ का दोष बता रहे थे कि उसने अपनी जवान बेटी को दुकान पर क्यौ बैठाकर इतनी छूट दीथी।

       सभी पंचौ ने अपना मत दे दिया था। अब पलडा़ आकाश का भारी था। सभी रोमा को दोषी बतारहे थे।

       लेकिन सेठ व रोमा सूरजभान को देख रहे थे कि वह क्या फैसला सुनाते है। सभी पुरुष व महिलाऐ को भी उनके फैसले का इन्तजार था।

       अब सूरजभान ने अपनी चुप्पी तोडी़ और बोले," मेरा सभी लोगौ से निवेदन है। ऐसा केस हमारे गाँव मे पहला है सभी पंचौ ने अपना मत रखा वह सबने सुना। कोई गल्ती लड़की तो कोई लड़के की व कोई लड़की केमाँ बाप का कसूर बता रहे है।

         मैं इस अपराध में लड़का व लड़की दौनौ को अपराधी मानता हूँ और इसकी सजा इन दोनौ को ही मिलनी चाहिए इसमे माँ बाप दोषी कैसे हो सकते है। इतना कहकर लह चुप होगये।

     सभी को आगे की कार्यवाही का  बेसब्री से इन्तजार था।

      सूरजभान आगे बोले," इसका अब एक ही रास्ता है  कि   मै अपने बेटे व सेठ को आज्ञा देता हूँ कि वह अच्छा सा महूर्त देखकर आकाश व रोमा को शादी के बन्धन में बांध दे  इस फैसले में किसी को कोई  एतराज हो तो वह अभी बताये।

      सभी बैठै हुए पुरुष व महिला सूरजभाध का फैसले की ताली बजाकर  स्वागत करने लगे

       सूरजभान के फैसले का सभी ने स्वागत किया और कुछ दिन बाद रोमा व आकाश की शादी होगयी।



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10 Comments

Naresh Sharma "Pachauri"

08-Mar-2022 09:42 AM

Very very thanks all

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Punam verma

08-Mar-2022 09:15 AM

Bahut badhiya sir

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Naresh Sharma "Pachauri"

08-Mar-2022 09:42 AM

Very very thanks

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Dr. Arpita Agrawal

08-Mar-2022 12:26 AM

सही कहा, निर्णय सटीक था

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Naresh Sharma "Pachauri"

08-Mar-2022 09:41 AM

Very very thanks

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